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शंकरीलाल बनाम गुजरात राज्य | Shankarilal Vs State of Gujarat

शंकरीलाल बनाम गुजरात राज्य | Shankarilal Vs State of Gujarat शंकरीलाल बनाम गुजरात राज्य (Shankarilal Vs. State of Gujarat) के वाद में चा...

शंकरीलाल बनाम गुजरात राज्य | Shankarilal Vs State of Gujarat


शंकरीलाल बनाम गुजरात राज्य (Shankarilal Vs. State of Gujarat) के वाद में चार व्यक्तियों ने 'अ' को मार डालने के सामान्य आशय से 'ब' को मारा डाला जिसे वे भूल से 'अ' समझ बैठे थे । न्यायालय ने विनिश्चित किया कि निःसंदेह ही वे भारतीय दण्ड संहिता की धारा 302/34 के अन्तर्गत 'हत्या' के लिए दोषी थे क्योंकि 'अ' की हत्या कारित करने का उनका सामान्य आशय विद्यमान था, यह बात अलग है कि वे 'ब' को ही 'अ' समझ बैठे और उन्होंने उसकी ('ब' की) हत्या कर दी ।

जागीर सिंह बनाम पंजाब राज्य (Jagir Singh Vs. State of Punjab) के वाद में 'क' और 'ख' नामक दो व्यक्तियों सहित कुल छ: व्यक्तियों के विरुद्ध हत्या का आरोप था । इनमें से तीन को इस आधार पर छोड़ दिया गया कि उनकी पहचान में भूल हुई तथा चौथे को संदेह का लाभ देकर दोषमुक्त कर दिया गया था । अब प्रश्न यह था कि क्या शेष बचे अभियुक्त 'क' और 'ख' को हत्या का दोषी ठहराया जा सकता है क्योंकि उनके विरुद्ध यह सिद्ध नहीं किया जा सका कि उनमें से किसी ने घातक प्रहार किया था ।

उच्चतम न्यायालय ने विनिश्चित किया कि यद्यपि यह सिद्ध नहीं किया जा सका कि किस व्यक्ति विशेष या किन व्यक्तियों ने घातक प्रहार किया था लेकिन यह निर्विवाद रूप से साबित किया जा चुका है कि हत्या उक्त छ: अपराधियों में से किसी ने की और 'क' तथा 'ख' इन सभी के सामान्य आशय को अग्रसर करने में शामिल थे । अतः उन दोनों को धारा 302/34 के अन्तर्गत हत्या के लिए दोषी ठहराया जा सकता है ।

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