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अपराध के लिए प्रतिनिहित दायित्व | Vicarious Liability for a Crime

अपराध के लिए प्रतिनिहित दायित्व | Vicarious Liability for a Crime अपराध विधि (Criminal Law) का सामान्य नियम यह है कि आपराधिक दायित्व उसी व...

अपराध के लिए प्रतिनिहित दायित्व | Vicarious Liability for a Crime


अपराध विधि (Criminal Law) का सामान्य नियम यह है कि आपराधिक दायित्व उसी व्यक्ति पर होता है जिसने वह अपराध किया हो । दूसरे शब्दों में, अपराध के लिए उसी व्यक्ति को दण्डित किया जा सकेगा जिसने वह अपराध किया है न कि उसके बजाय किसी अन्य व्यक्ति को


पर कुछ परिस्थितियो में अपकृत्यकर्त्ता का दायित्व उसकी ओर से कोई अन्य तीसरा व्यक्ति वहन करता है, जैसे - अवयस्क बालकों द्वारा किये गए अपकृत्यों के लिए उनके अभिभावकों का दायित्व या सेवक के अपकृत्य के लिए मालिक (स्वामी) का दायित्व आदि




परन्तु यह सिद्धान्त अपराध-विधि (Criminal Law)  में लागू नहीं होता है । अतः अपराध के लिए सामान्यत: उसी व्यक्ति को दण्डित किया जाता है जिसने अपराध किया है, न कि उसकी ओर से किसी अन्य व्यक्ति को

 

प्राचीन युग में अपराधी को दण्डित करने का एकमात्र उपाय स्व-सहाय्य था अर्थात कबीलों या जाति-समुदायों के लोग मिलकर अपराधी के कबीले या जाति से लड़ते थे इसी प्रकार हत्या के मामले में मृतक के सगे-सम्बन्धी अपराधी से बदला लेने हेतु उसके रिश्तेदारों से प्रतिकर वसूल कर सकते थे । वर्तमान में मलेशिया, कीनिया आदि देशों में ग्रामीणों से अपराधियों के बारे में जानकारी लेने या उसे पकड़ने के लिए उन पर सामूहिक अर्थ दण्ड (Collective Fine) करने की व्यवस्था दण्ड विधि में अपनाई गई है


भारतीय दण्ड विधि में यह व्यवस्था नहीं अपनाई गई है इंग्लैण्ड की दण्ड विधि में भी प्रतिनिहित दायित्व के सिद्धान्त को नहीं अपनाया गया है केवल अपवाद के रूप में निम्नलिखित दशाओं में सेवक द्वारा किये गए अपराध कृत्य का आपराधिक दायित्व उसके स्वामी (मालिक) पर होगा -


सेवक द्वारा प्रकाशित किये गए लेख के लिए आपराधिक दायित्व उसके स्वामी पर होगा, अर्थात् किसी समाचार पत्र या पत्रिका में छापी गई कोई अपमानजनक सामग्री के परिणामस्वरूप यदि किसी व्यक्ति की मानहानि हुई हो, तो वह व्यक्ति उस समाचार पत्र या पत्रिका के मालिक के विरुद्ध आपराधिक कार्यवाही चलवा सकता है ।


पब्लिक न्यूसेंस(Public Nuisance) (सार्वजनिक अपदूषण) के मामले में भी प्रतिनिहित दायित्व का सिद्धान्त लागू होगा । अत: यदि किसी नौकर द्वारा कोई ऐसा कृत्य किया जाता है जिससे जनता के लिए कोई असुविधा या नुकसानी होती है, तो इसके लिए उस व्यक्ति के मालिक के विरुद्ध आपराधिक कार्यवाही की जा सकती है । 

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