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मुकुन्द उर्फ कुन्द्र बनाम मध्य प्रदेश | Mukund Ar Kundu Vs. Madhya Pradesh | IPC Section 302/34

मुकुन्द उर्फ कुन्द्र बनाम मध्य प्रदेश | Mukund Ar Kundu Vs. Madhya Pradesh | IPC Section 302/34 मुकुन्द उर्फ कुन्द्र बनाम मध्य प्रदेश रा...

मुकुन्द उर्फ कुन्द्र बनाम मध्य प्रदेश | Mukund Ar Kundu Vs. Madhya Pradesh | IPC Section 302/34


मुकुन्द उर्फ कुन्द्र बनाम मध्य प्रदेश राज्य का वाद डकैती के साथ हत्या का मामला था । मुकुन्द तथा देव कुमार ने 17-18 जनवरी, 1994 की दरम्यानी रात बिलासपुर में अनुज प्रसाद दुबे के घर में घुस कर उसकी पत्नी तथा दो बच्चों की हत्या कर दी तथा उनके आभूषण, अन्य कीमती सामान तथा नगदी को लूट लिया ।

सत्र न्यायालय (Sessions Court) द्वारा अभियुक्तों को दोषसिद्ध किया गया तथा दोनों को भा. द. सं. की धारा 302/34 (Indian Penal Code Section 302/34) के अन्तर्गत मृत्यु-दण्ड दिया, जिसकी उच्च न्यायालय द्वारा पुष्टि (confirm) की गई।

अभियुक्तों ने इसके विरुद्ध उच्चतम न्यायालय (Supreme court) में अपील प्रस्तुत की । इस प्रकरण में उच्चतम न्यायालय ने अभिनिर्धारित किया कि जहाँ घटना-स्थल पर अभियुक्त उपस्थित हो, चुराई हुई सम्पत्ति अभियुक्त से बरामद हुई हो तथा अभियुक्तों के बीच लूटी गई सम्पत्ति का बँटवारा हुआ हो, तो अभियुक्त हत्या तथा डकैती, दोनों के लिए दोषी होंगे और यह अपराध में उनके संयुक्त रूप से भागीदारी होने का सूचक होगा । उच्चतम न्यायालय ने उनके मृत्यु-दण्ड की सजा को भा. द.सं. की धारा 302/34 (Indian Penal Code Section 302/34) के अन्तर्गत आजीवन कारावास में लघुकृत कर दिया, लेकिन अभियुक्तों के भा. द. सं. की धारा 449 तथा 394/397 (Indian Penal Code Section 449 And 394/397) के अधीन दण्डादेश को बहाल रखा ।

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