धारा 304/34 | धारा 304/148 | Section 304/34 | Section 304/148 जहाँ अनेक लोगों को किसी व्यक्ति के दुराचरण के कारण उससे शिकायत हो तथा वे ए...
धारा 304/34 | धारा 304/148 | Section 304/34 | Section 304/148
जहाँ अनेक लोगों को किसी व्यक्ति के दुराचरण के कारण उससे शिकायत हो तथा वे एकत्र होकर उस पर संयुक्त रूप से हमला करते हैं, तो ऐसी दशा में यह निर्धारण करना कठित होता है कि उनमें से उस अपराध कार्य के लिए निश्चित रूप से कौन से व्यक्ति सामान्य आशय रखते थे ।
कलकत्ता के एक प्रकरण झकरी बनाम राज्य(Jhakri vs State) में मृतक जो कि एक दुश्चरित्र व्यक्ति था, एक महिला के निजी कमरे में घुसा तथा वह उस महिला के साथ दुष्कृत्य करते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया । पड़ोस के गाँव के लोग जो उसकी बुरी आदतों तथा हरकतों के कारण उसके विरुद्ध थे, वहाँ आए और उन्होंने उस पर प्रहार किये । मृतक किसी तरह जान बचाकर उस कमरे से भाग निकला परन्तु जब वह बरामदे से भाग रहा था कुछ अन्य व्यक्तियों ने उस पर प्रहार किये । जब मृतक आंगन की ओर भागा तो वहाँ भी व्यक्तियों के तीसरे झुंड ने उस पर हमला किया और उसकी मृत्यु हो गई ।
जिन लोगों ने महिला के कमरे में मृतक पर प्रहार किये थे लेकिन पश्चात्वर्ती हमलों मे भाग नही लिया था, उनके विरुद्ध भी मृत्यु कारित करने का आरोप लगाया गया । न्यायालय ने निर्णय दिया कि इन लोगों को भारतीय दण्ड संहिता की धारा 304/34 या धारा 304/148 के अन्तर्गत सिद्धदोष नहीं किया जा सकता क्योंकि उनके द्वारा कमरे में मृतक पर किया गया प्रहार न्यायोचित था । अत: उन्हें दोषमुक्त कर दिया गया ।
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