मोहन सिंह बनाम मध्य प्रदेश राज्य (1999) | Mohan Singh Vs. State of Madhya Pradesh (1999) | Section 34 IPC Explanation मोहन सिंह बनाम मध्...
मोहन सिंह बनाम मध्य प्रदेश राज्य (1999) | Mohan Singh Vs. State of Madhya Pradesh (1999) | Section 34 IPC Explanation
मोहन सिंह बनाम मध्य प्रदेश राज्य का वाद सामान्य आशय से हत्या कारित किये जाने का मामला है । अभियुक्त पर यह आरोप था कि उसने मृतक की मृत्यु कारित किए जाने हेतु मुख्य अभियुक्त को शब्द 'मार साले को' कह कर उसे उद्दापित (exhort) किया ।
अभियुक्त द्वारा न तो अग्नि शस्त्र (fire-arm) का प्रयोग किया गया था और न ही उसके द्वारा कोई सक्रिय भूमिका (active role) में ही भाग लिया गया था ।
उच्चतम न्यायालय ने अभिनिर्धारित किया कि अभियुक्त द्वारा प्रयुक्त किए गए शब्द 'मार साले को' का आशय, 'मार डालना' अथवा 'पीटना' ('kill' or 'beat') दोनों हो सकते हैं ।
अभियुक्त द्वारा इस प्रकार से मुख्य अभियुक्त को उद्दापित किया जाना इस निष्कर्ष की ओर नहीं ले जाता कि यह मृतक को मार डालने के आशय (intention) से ही किया गया था । अतः इन परिस्थितियों में अभियुक्त को उच्चतम न्यायालय द्वारा संदेह का लाभ (benefit of doubt) देते हुए भा. द. सं. की धारा 302 (IPC Section 302) सहपठित धारा 34 के अधीन उसकी दोषसिद्धि तथा दण्डादेश को अपास्त (त्यागा गया) किया गया ।
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