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हत्या मामले में चलताऊ ढंग से नहीं कर सकते कोई फैसला | No decision can be taken in a tactful manner in a murder case

हत्या मामले में चलताऊ ढंग से नहीं कर सकते कोई फैसला | No decision can be taken in a tactful manner in a murder case कोर्ट : नई दिल्ली स...

हत्या मामले में चलताऊ ढंग से नहीं कर सकते कोई फैसला | No decision can be taken in a tactful manner in a murder case


कोर्ट : नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट | New Delhi Supreme Court

मामला : उच्च न्यायालय ने 20 मार्च 2020 के आदेश में चार पंक्तियों वाले पैराग्राफ में यह निष्कर्ष निकाला था कि याचिकाकर्ता की याचिका को खारिज कर दिया जाए


सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हत्या मामले में चलताऊ ढंग से फैसला नहीं कर सकते । उच्च न्यायालय की ओर से जारी आदेश के तरीके को लेकर शीर्ष अदालत ने कहा कि हत्या के मामलों में पहली अपील को इस तरह नहीं निपटा सकते ।

उच्चतम न्यायालय ने पाया कि उच्च न्यायालय ने 20 मार्च 2020 के आदेश में चार पंक्तियों वाले पैराग्राफ में यह निष्कर्ष निकाला था कि याचिकाकर्ता की याचिका को खारिज कर दिया जाए । याचिकाकर्ता की उम्र 80 साल से अधिक है । न्यायमूर्ति एस.के. कौल और एम.एम. सुंदरेश (Justice S.K. Kaul and M.M. sundaresh) की पीठ ने उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने की अनुमति देते हुए इस मामले को उच्च न्यायालय में दोबारा विचार के लिए भेज दिया ।

उच्च न्यायालय में भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) की धारा 302 (हत्या) के तहत दोष सिद्धि के खिलाफ अपील की गई थी । लेकिन 2 मार्च, 2020 के आदेश में गवाहों की गवाही को ध्यान में रखते हुए उच्च न्यायालय ने अपील को खारिज कर दिया था । शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय के आदेश को रद्द करते हुए कहा, हमारा मानना है कि हत्या के मामले में पहली अपील को इस तरह से नहीं निपटाया जा सकता है ।

शीर्ष अदालत ने हाईकोर्ट का फैसला किया दरकिनार


पीठ ने मामला वापस हाईकोर्ट के पास भेजा | सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एस.के. कौल और एम.एम. सुंदरेश (Justice S.K. Kaul and M.M. sundaresh) की पीठ ने शख्स की ओर से दाखिल की गई हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को अनुमति दे दी और मामले को हाईकोर्ट के पास वापस विचार के लिए भेज दिया ।

हाईकोर्ट के समक्ष याचिका आई.पी.सी. (IPC Section 302) की धारा 302 (हत्या) के तहत अपराध की दोषसिद्धि के खिलाफ दाखिल की गई थी ।

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