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मलिक ने जानबूझकर तोड़ा वचन, कोर्ट खफा | Malik deliberately broke the promise, the court was upset

मलिक ने जानबूझकर तोड़ा वचन, कोर्ट खफा | Malik deliberately broke the promise, the court was upset कोर्ट : बंबई उच्च न्यायालय | Bombay H...

मलिक ने जानबूझकर तोड़ा वचन, कोर्ट खफा | Malik deliberately broke the promise, the court was upset


कोर्ट : बंबई उच्च न्यायालय | Bombay High Court

मामला : मलिक ने वानखेड़े के खिलाफ कोई भी सार्वजनिक बयान जारी नहीं करने को लेकर पिछले माह उच्च न्यायालय (High Court) को आश्वस्त किया था, लेकिन उसके बावजूद उन्होंने इस तरह की बयानबाजी (Rhetoric) जारी रखी


बंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) ने मंगलवार को कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक (Maharashtra minister Nawab Malik) ने पिछले महीने स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (Narcotics Control Bureau) की मुंबई इकाई के प्रमुख समीर वानखेड़े और उनके परिवार (Sameer Wankhede and his family) के खिलाफ कोई सार्वजनिक बयान नहीं देने संबंधी आश्वासन का 'जानबूझकर' उल्लंघन किया है ।

न्यायमूर्ति एस. जे. कथावाला और न्यायमूर्ति मिलिंद जाधव (Justice S. J. Kathawala and Justice Milind Jadhav) की खंडपीठ ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (Nationalist Congress Party) के वरिष्ठ नेता मलिक को हलफनामा दायर करके यह बताने का निर्देश दिया गया है कि 'अंडरटेकिंग' के उल्लंघन के लिए उनके खिलाफ क्यों नहीं कार्रवाई की जानी चाहिए ।

खंडपीठ समीर वानखेडे के पिता ज्ञानदेव वानखेड़े की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि मलिक ने वानखेड़े के खिलाफ कोई भी सार्वजनिक बयान जारी नहीं करने को लेकर पिछले माह उच्च न्यायालय को आश्वस्त किया था, लेकिन उसके बावजूद उन्होंने इस तरह की बयानबाजी जारी रखी ।

मलिक की ऐसी दलील


मलिक की ओर से पेश वकील कार्ल ताम्बोली (Lawyer Karl Tamboli) ने उच्च न्यायालय के समक्ष दलील दी कि उनके मुवक्किल ने संबन्धित साक्षात्कार पार्टी प्रवक्ता की हैसियत से दी है, न कि व्यक्तिगत क्षमता में । खंडपीठ ने, कहा की उक्त टिप्प्णिया उच्च न्यायालय को दिए गए वचन (अंडरटेकिंग) का उल्लंघन (breach of promise) है |

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