Page Nav

HIDE

Gradient Skin

Gradient_Skin

*

latest

धारा 22 क्या है | IPC Section 22

धारा 22 क्या है | IPC Section 22 “जंगम सम्पत्ति (चल सम्पत्ति) (Movable Property)" शब्दों से यह आशय है कि इनके अन्तर्गत हर प्रकार की...

धारा 22 क्या है | IPC Section 22


“जंगम सम्पत्ति (चल सम्पत्ति) (Movable Property)" शब्दों से यह आशय है कि इनके अन्तर्गत हर प्रकार की मूर्त सम्पत्ति आती है, किन्तु भूमि और वे चीजें, जो भू-बद्ध हों या भू-बद्ध किसी चीज से स्थायी रूप से जकड़ी हुई हों, इनके अन्तर्गत नहीं आतीं ।

इस धारा में दी गई जंगम सम्पत्ति (चल सम्पत्ति) (Movable Property) की परिभाषा केवल मूर्त सम्पत्ति तक ही सीमित है तथा इसमें वाद-प्राप्य स्ववस्तुओं अर्थात् भूमि तथा भूमि से संलग्न वस्तुओं का समावेश नहीं है । दण्ड संहिता की प्रस्तुत धारा 22 में दी गई चल सम्पत्ति की परिभाषा अन्य अधिनियमों में दी गई परिभाषाओं से न केवल भिन्न है बल्कि अत्यधिक संकुचित भी है ।

मूर्त सम्पत्ति धारा 22 में वर्णित चल-सम्पत्ति में केवल उन मूर्त वस्तुओं का समावेश है जिनकी इन्द्रियों द्वारा अनुभूति की जा सकती है । उदाहरणार्थ, उत्पादित नमक तथा किसी मुकदमे के रिकार्ड से सम्बन्धित कागजात आदि को इस धारा के सन्दर्भ में चल सम्पत्ति (जंगम सम्पत्ति) माना गया है ।

बम्बई उच्च न्यायालय द्वारा निर्णीत एम. शाह बनाम इस्माइल इब्राहीम (M. Shah vs. Ismail Ibrahim) के बाद में वाद-प्राप्य स्ववस्तु (chose in action) जैसे कोयला तैयार करने के लिये वृक्षों को काटने के अधिकार को भी चल-सम्पत्ति माना गया । इसी प्रकार आय गणना हेतु आयकर अधिकारी द्वारा जारी किये गए आदेश को भी धारा 22 के अधीन जंगम सम्पत्ति माना गया है।

इस दृष्टि से पशु-पक्षी या प्राणी जैसे मोर, मछली, चौपाये, मृतदेह, कबूतर, नाव, मिट्टी, पत्थर, गैस तथा मूल्यवान प्रतिभूति आदि चल-सम्पत्ति है लेकिन उगती हुई फसल या खड़े साल के वृक्ष चल सम्पत्ति की परिभाषा के अन्तर्गत नहीं आते हैं ।

भूमि तथा भूमि से सम्बद्ध वस्तुएँ संहिता की धारा 22 के सन्दर्भ में प्रयुक्त शब्दावली “चल सम्पत्ति” (Movable Property) में भूमि तथा भूमि से सम्बद्ध वस्तुओं को सम्मिलित नहीं किया गया है, अत: जमीन, वृक्ष, मकान आदि चल सम्पत्ति नहीं हैं । जब तक मिट्टी, पत्थर, खनिज पदार्थ आदि भू-बद्ध रहते हैं उन्हें चल सम्पत्ति नहीं माना जाएगा लेकिन जैसे ही उन्हें भूमि से अलग कर दिया जाता है, वे चल-सम्पत्ति की श्रेणी में आ जाते हैं । भूमि का कोई भी भाग चाहे वह पत्थर, रेत, मिट्टी या अन्य कोई घटक क्यों न हो, जब भूमि से पृथक कर दिया जाता है, तो वह चल सम्पत्ति का रूप धारण कर लेता है ।

कोई टिप्पणी नहीं